जैन मुनि का VIDEO जमकर वायरल; बोले- झारखंड सरकार के गले तक नोटों की गड्डियां भर देंगे, एक फोन से डिपार्टमेंट बंद हो जाते हैं
Jain Muni Video on Sammed Shikhar
Jain Muni Video on Sammed Shikhar: झारखंड स्थित जैन तीर्थ स्थल सम्मेद शिखर को पर्यटक प्लेस घोषित किए जाने के बाद जैन समाज में भयंकर रोष देखने को मिला। इस रोष की आंच केंद्र सरकार तक भी पहुंची। जिसके बाद केंद्र सरकार ने झारखंड सरकार को सम्मेद शिखर पर पर्यटन गतिविधि न करने का निर्देश जारी कर दिया। लेकिन झारखंड सरकार के प्रति जैन समाज का गुस्सा शांत नहीं हुआ है। झारखंड सरकार के प्रति जैन समाज का गुस्सा किस कदर है। आप जैन समाज के एक मुनि की इस वीडियो में बखूबी देख लेंगे।
भगवान नहीं पैसा दिख रहा
जैन मुनि का वीडियो सोशल मीडिया पर जमकर वायरल हो रहा है। वीडियो में जैन मुनि कहते हैं कि झारखंड सरकार को सम्मेद शिखर पर भगवान नहीं दिख रहे बल्कि पैसा दिख रहा है। सरकार को अपना कोष बढ़ाना है। क्योंकि पर्यटक प्लेस बनने के बाद यहां आवागमन बढ़ेगा। कई चीजें होंगी। इसलिए झारखंड सरकार मांगे कितना चाहिए उसको? जैन समाज को अपनी इच्छा बताए।
झारखंड सरकार के गले तक नोटों की गड्डियां भर देंगे
जैन मुनि ने कहा कि, झारखंड सरकार जैन समाज से मांगे, हम उसके गले तक ठूंस-ठूंस के नोटों की गड्डियां भर देंगे। हम ऐसी ताकत रखते हैं। मुनि ने कहा कि, सम्मेद शिखर को पर्यटक प्लेस बनाकर सरकार जितना पैसा इकट्ठा करना चाहती है, उससे डबल पैसा हम उसे हर साल देंगे।
हमारी आस्था के साथ खिलवाड़ न किया जाए
जैन मुनि ने आगे कहा कि, अगर सरकार सम्मेद शिखर के प्रति नेक विचार रखती है, वहां के लिए कुछ करना चाहती है तो उसे पवित्र नगरी घोषित कीजिए और यह तय कीजिए कि अगर यहां 50 किलोमीटर के दायरे में किसी ने मुर्गी का भी हनन किया तो उसपर गौ माता की हत्या के बराबर का दंड लगेगा।
सरकार कुछ नहीं कर पाएगी
जैन मुनि ने कहा कि, सम्मेद शिखर को पर्यटक प्लेस बनाने के लिए किसी ने भी आज्ञा दे दी हो लेकिन कुछ हो नहीं पायेगा। मुनि ने कहा कि जहां गृह मंत्री जैन समाज का हो और समाज के अंदर इतने बड़े-बड़े रसूखदार लोग रहते हों कि जिनके एक फोन पर अच्छे-अच्छों के डिपार्टमेंट बंद हो जाते हैं, ये तो बहुत छोटी सी बात है।
हमारी शालीनता को कायरता न समझें
जैन मुनि ने कहा कि, लोग हमारी शालीनता को कायरता समझने का भ्रम न पालें। हमारे मौन को मजाक न समझें। हमारी अहिंसा को लोग नपुंसकता समझते हैं। लेकिन ये याद रखा जाए कि जिस दिन हम अपने पर आ गए। उस दिन कुछ भी हिल जाएगा।